उबटन - त्वचा में लाए जादुई निखार



कोमल कमनीय त्वचा सौंदर्य की पहली शर्त है। कुछ महिलाओं को यह कुदरती तौर पर मिली होती है लेकिन जो इससे महरूम हैं, उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं। अपनी त्वचा वे कम समय और कम लागत में ही निखार सकती हैं। जरूरत है थोड़ी-सी मेहनत और थोड़े से धैर्य की।
उबटन ही वह एकमात्रा विधि है जिससे त्वचा में बगैर किसी साइड या आफ्टर इफेक्ट के निखार लाया जा सकता है।
उबटन कई प्रकार से बनाया जा सकता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि वह त्वचा के अनुरूप हो।
साधारण त्वचा के लिए:
  • ताजी पीली सरसों को पानी के साथ मिक्सी में पीस लें। इसमें थोड़ा चंदन घिसकर मिला दें। नहाने से कुछ समय पूर्व इसे चेहरे, गर्दन और हाथ पैर पर लगायें। दस पंद्रह मिनट बाद इसे रगड़कर छुड़ाएं। इससे मैल निकल जाने से त्वचा साफ सुथरी होकर दमकने लगेगी। 
  • खुश्क त्वचा के लिए:
  • थोड़े से जौ के आटे में थोड़ा तिल या सरसों का तेल व चुटकी भर हल्दी मिलाएं। अब थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर इसे गीला कर लें। उपर्युक्त तरीके से लेप करें, तत्पश्चात् उसी ढंग से रगड़कर उतार दें। गुनगुने पानी से धो डालें।

दागदार त्वचा के लिए:

  • छिल्के रहित जौ के आटे में चुटकी भर हल्दी मिला लें। हल्दी से आधा चंदन पाउडर, खसखस और बादाम पाउडर नारियल के तेल में मिला लें। इसे कुछ दिन प्रिजर्व रखा जा सकता है। स्नान से कुछ समय पूर्व इस पाउडर को दही में घोल बदन पर लेप कर लें। इससे त्वचा की झुर्रियां, चेहरे की झाइयां व कील मुंहासों के दाग इत्यादि कम पड़ जाएंगे। नारियल तेल की जगह जैतून का तेल भी काम में लाया जा सकता है।

तैलीय त्वचा के लिए:

  • सर्वप्रथम चेहरे को नींबू के रस से स्पंज करें। फिर निम्नलिखित उबटन लगाकर दस पंद्रह मिनट बाद रगड़कर उतार दें।
  • चने या अरहर की दाल रात में भिगोकर सुबह पीस लें। इसमें हल्दी या दूध मिलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। बस कुछ बूंदें गुलाबजल की डाल लें।
  • आधी कटोरी बेसन में एक चम्मच दही और चौथाई चम्मच हल्दी मिला लें। कुछ बूंदें गुलाबजल की मिलाकर चेहरे, गर्दन व बांहों पर लगायें। थोड़ी देर बाद रगड़ कर मैल उतारें। तत्पश्चात गुनगुने पानी से धो लें।

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