हम थुलथुल कब हो जाते हैं ?
क्या आपको पता है कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हमारे शरीर पर क्या असर पड़ता है। अपना शरीर बेकार करने का जिम्मा आपको ही स्वयं जाता है। क्या आपको मालूम है कि आप थुलथुल कब हो जाते हैं जब आपः-
- दिन भर पड़े सोते ही रहते हैं।
- खाना खाने के बाद तुरंत ही सो जाते हैं।
- दिन भर कुछ ना कुछ मंुह में डालते ही रहते हैं।
- जब चाहे शापिंग के लिए निकल पड़ते हैं।
- अपने भोजन में आलू से बनी चीजें ज्यादा पसंद करते हैं।
- आलू के साथ साथ मीठे से भी दोस्ती कर लेते हैं।
- दिनभर टीवी देखते रहते हैं।
- पार्टियों में शाम बिताते हैं।
- बाहर का खाना ज्यादा पसंद करते हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियों से दूर भागते हैं। मलाई-मक्खन खाने के ज्यादा शौकीन हैं।
- सलाद पर भी चीज या मक्खन बुरककर खाते हैं।
- कोल्ड-ड्रिंक्स ज्यादा पीते हैं।
- फलों को छीलकर खाते हैं।
- जरा सा दूर जाने पर भी पैदल चलने के बजाय वाहन पर सवारी करके जाते हैं।
- उबले और भाप के द्वारा बने खाने से परहेज करते हैं।
- खाने में अधिक नमक प्रयोग करते हैं।
- रोटी से ज्यादा डबलरोटी खाते हैं।
- लहसुन-प्याज अदरक आदि प्राकृतिक जड़ी बूटियों के सेवन से बचते हैं।
- व्यायाम एवं शारीरिक श्रम से दूर भागते हैं।
- कैल्शियम आयरन आदि की पूर्ति के लिए हरी सब्जियों को खाने के बजाय टॉनिकों से मेज़ सजा लेते हैं।
- तला-भुना खाने में ज्यादा पसंद करते हैं।
- नाश्ता दोपहर का खाना रात का खाना खूब जमकर करने हैं।
- भूख से भी ज्यादा खा लेते हैं। हर परेशानी के लिए दवाई खा लेते हैं।
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