अस्थमा को बुलावा देता है धूम्रपान
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में अमूमन सिगरेट पीना एक फैशन के समान होता है। सिर से पैर तक फैशन के नशे में चूर इन युवाओं को शायद इस बात का अंदाजा ही नहीं है कि सिगरेट पीने से न सिर्फ उनके स्वास्थ्य पर बल्कि पूरे वातावरण में बुरा प्रभाव पड़ता है। अस्थमा एक ऐसी ही बीमारी है जो आजकल की फास्ट लाइफ में काफी उभर कर सामने आई है। वक्त पर अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह लाइलाज भी हो सकती है। अस्थमा के अटैक से बचने के लिए आइए जानें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
- ‘‘सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’’ यह तो आप इसी से जान सकते हैं कि बाजार में उपलब्ध सिगरेट के हर पैकेट पर यह चेतावनी लिखी होती है जो शायद इसे पीने वालों ने पढ़ी भी होगी। महानगरों में तो सरकार ने सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने पर प्रतिबंध लगा रखा है पर उसके बाद कितने लोग इसे मानते है यह तो सभी को पता होगा। सिगरेट न पीने से आप सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि अपने आस-पास के सभी लोगों का भी नुक्सान करते हैं। इसलिए अपनी इस बुरी लत को जितना जल्दी हो सके, छोड़ने की कोशिश करिए।
- उपचार से अच्छा है सावधानी बरतना’’ यह कथन तो बहुत प्रचलित है। अस्थमा के अटैक से बचने के लिए आपको कुछ सावधनियां भी बरतनी चाहिए जैसे साफ वातावरण में रहना, घर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना, शराब जैसे किसी भी नशे से बचना, जानवरों से दूर रहना, डॉक्टर से रेगुलर चेकअप और उनकी सलाहों को मानना और एंटीबॉयटिक्स कम से कम लेना आदि।
- आमतौर पर लोगों के मन में गलत धारणाएं होती हैं इस बीमारी को लेकर। कई लोग तो यहां तक समझते हैं कि डॉक्टर द्वारा दिया गया इन्हेलर उनके अंतिम समय का सबूत है जो सरासर निरर्थक है। समय पर इन्हेलर का प्रयोग न करने से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
- अस्थमा के रोगी को डॉक्टर से नियमित परामर्श करके अटैक से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। प्रसिद्ध चेस्ट स्पेशलिस्ट के अनुसार अस्थमा के अटैक से बचने के लिए रोगी को अपने पास कुछ सांस खींचने के उपकरण जैसे रोटेहेलर, मीटरडोज़, एक्यूहेलर, स्पेस्रस आदि रखना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल तुरंत हो सके।
- अक्सर अस्थमा का अटैक पड़ने पर रोगी और उसके घर के लोगों को घबराहट में समझ नहीं आता कि क्या करें और उनके हाथ पैर तक ठंडे होने लगते हैं। डॉ. निखिल कहते हैं ऐसे समय में आप पीकफ्लो मीटर आपके पास होने से अटैक की तीव्रता का पता लगा कर तुरंत रोगी का उपचार करा सकते हैं।
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