अगर आप भी स्लिम बनना चाहती हैं तो......?
यूं तो स्वस्थ, स्लिम और सुंदर दिखने की ख्वाहिश हर शख्स में होती है, पर महिलाओं में ऐसी चाहत कुछ ज्यादा ही होती है। यही वजह है कि आनन-फानन में अपना वजन कम करने के लिए उनमें एक किस्म की सनक तक सवार है। महिलाओं में स्वस्थ सुंदर और दुबला दिखने को लेकर अनेक भ्रम होते हैं। बेहतर होगा कि सेहत और सुंदरता से जुड़े तमाम भ्रमों को आप जितनी जल्दी हो, दूर ही कर डालें।
आज की अधिकांश महिलाएं अपने डील-डौल को दुरूस्त करने के लिए जिम जा रही हैं। जिम जाने की महिलाओं की ललक को देखकर ऐसा लगता है कि मानो इन्होंने जिम को अपना दूसरा घर ही बना लिया है। इतना सब कुछ करने के बावजूद महिलाएं अपने ‘वांछित शरीर’ को गढ़ने में विफल हो रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें व्यायाम डॉयटिंग, फास्टिंग और वजन कम करने से संबंधित बुनियादी जानकारियां नहीं हैं।
‘मैं कई हफ्तोें से कसरत कर रही हूं, फिर भी मेरा शरीर जस का तस है इस तरह की शिकायतें अनेक जिम जाने वाली या फिर घर पर ही व्यायाम करने वाली महिलाएं करती हैं। सच तो यह है कि यदि कई हफ्तों तक कसरत करने के बाद भी आपके शरीर में मनमाफिक तब्दीलियां नजर नहीं आ रही हैं तो इसके लिए आप ही कसूरवार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपने कसरत का जो कार्यक्रम सुनिश्चित किया है, वह आपके शरीर के अनुरूप नहीं है।
इस बात के कोई मायने नहीं कि आपने कितने दिनों तक और प्रतिदिन कितने घंटे तक कसरत की। महत्वपूर्ण बात यह है कि वे व्यायाम आपके शरीर की विशिष्ट संरचना से मेल खाते हैं या नहीं। इस सूरते हाल में आपको किसी योग्य फिटनेस विशेषज्ञ से परामर्श लेकर नए सिरे से व्यायाम करने का कार्यक्रम बनाना चाहिए।
अक्सर तमाम लोगों को यह मुगालता रहता है कि उनका वजन ‘ऊंचाई वजन चार्ट’ के आदर्श वजन की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है। होता यह है कि शरीर के वजन में वसा (फैट) के अतिरिक्त हड्डियों, मांसपेशियों और पानी की गणना भी शुमार की जाती है। हर शख्स में इन सभी तत्वों का वजन अनुपात अलग अलग होता है।
फर्ज करें, यदि आप लंबे-चौड़े डील-डौल वाली हैं, आपकी हड्डियां बड़ी व चौड़ी हैं तो यह कुदरती तथ्य है कि आपका वजन किसी अन्य महिला की तुलना में चंद किलो ज्यादा ही होगा। अब उस महिला से तुलना करके आप गलत निष्कर्ष न निकालें कि आपका वजन अधिक है।
इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात ‘बॉडी कंपोजीशन’ के विश्लेषण से संबंधित है। इस तरह के विश्लेषण से यह पता चल जाता है कि आपके शरीर के अनुकूल किस तरह की कसरतें उपयुक्त रहेंगी।
‘बॉडी कंपोजीशन टेस्ट’ से यह पता चल जाता है कि आपके शरीर में वसा का अनुपात लम्बाई के अनुरूप है या नहीें? शरीर में वसा अधिक तो नहीं है? कभी-कभी वजन वसा के कारण नहीं बल्कि शरीर की हड्डियों, मांसपेशियों व जल के कारण बढ़ा रहता है। इस तरह का बढ़ा वजन आपके स्वास्थ्य के लिए नुक्सानदेह नहीं होता।
वैसे इन दिनों जिम में बॉडी कंपोजीशन का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञ भी उपलब्ध हैं। इस तरह के विशेषज्ञ के सहयोग से आप यह जान सकेंगी कि आपका जो वजन कम हो रहा है, वह वसा से संबंधित है या फिर मांस-पेशियों से।
औसतन एक वयस्क महिला के शरीर में वसा प्रतिशत बॉडी फैट परसेंटेज उसके शरीर के अनुपात में 18 से 25 प्रतिशत के बीच होना चाहिए। इसी तरह एक वयस्क पुरूष मंे यह प्रतिशत 12 से 18 के बीच होना चाहिए। याद रखें, बाडी फैट परसेंटेज जितना कम होगा, उतना ही आपका शरीर सुगठित व चुस्त दुरूस्त होगा।
‘‘मैं अक्सर कम वसा वाले खाद्य पदार्थ ही खाती हूं। शुगर फ्री डाइट ग्रहण करती हूं। फिर भी मेरे वजन व सेहत पर कुछ भी फर्क पड़ता नजर नहीं आता।’’ तमाम महिलाएं अक्सर इस तरह की शिकायतें करती नजर आती हैं।
इस क्रम में भी कुछ बातें समझने की हैं जैसे आपकी दृष्टि में शुगर फ्री चॉकलेट खरीदना सेहत के लिए अच्छा है, इसलिए आप इस आइटम को खरीदती हैं पर यह जरूरी नहीं कि शुगर फ्री चॉकलेट वसा रहित फैट फ्री भी हो, संभवतः शुगर फ्री चॉकलेट में अन्य चॉकलेट की तुलना में वसा कहीं अधिक हो। इसलिए किसी भी उत्पाद को खरीदते समय लेबल को ध्यान से पढ़ें और फिर अपनी बुद्धि पर जोर डालकर यह तय करेें कि किस आइटम को खरीदना है और किस को नहीं?
एरोबिक्स व्यायाम, डायटिंग आदि ही स्लिम बनने के लिए काफी नहीं हैं। इस क्रम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको एक सुनिश्चित समय पर भोजन करना, सेक्स से दूर न भागना, अस्वस्थ बनाने वाले आहार ग्रहण न करना, वनस्पति तेलों से बने चीजों को न खाना आदि का ध्यान रखना ही होगा।
दिन में कम से कम चार पांच बार अल्पाहार करें। इस संदर्भ में ईमानदारी से किसी खान-पान से संबंधित बातों को किसी डायरी में दर्ज करें। जिस किस्म के आहार को आप पसंद करती हैं, उसे खाने से खुद को वंचित न करें। अपने पसंदीदा व्यंजन का लुत्फ जरूर उठाएं किंतु बुद्धिमानी से।
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